लेखनी प्रतियोगिता -17-Jun-2023
विषय- सपनो की दुनिया
आह!
तुम आ गये,
रंगीन यादों के साथ,
हसीन सपनो में,
कर्जदार हुई, मुरीद हुई,
जो चुना तुमने अपनो में!
कितना मधुर कितना शीतल,
अकल्पनीय तेरा सहचर,
चाँदनी रात, टिमटिमाते सितारे,
असलियत में दूर, सपनो में हम तुम्हारे!
चुपके का छुवन,
मिलाते नयनों से नयन,
उलझे लटो को सुलझाना,
कहा से सिखा है पास आने का बहाना!
ना हो सबेरा कभी,
ना नींद कभी मेरी खुले,
साथ तेरे हमेशा रहूँ,
अविस्मरणीय सपने ना टुटे |
रचना मौलिक,अप्रकाशित, स्वरचित और सर्वाधिक सुरक्षित है|
"प्रतिभा पाण्डेय" चेन्नई
17/6/2023
वानी
18-Jun-2023 04:02 PM
Very nice
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डॉ. रामबली मिश्र
18-Jun-2023 08:43 AM
👏👌
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Punam verma
18-Jun-2023 08:28 AM
Very nice
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